
मार्ताण्ड वर्मा (उपन्यास)
मार्ताण्ड वर्मा, केरल का साहित्यकार सी॰ वी॰ रामन् पिल्लै का १९८१ में प्रकाशित हुआ एक मलयालम उपन्यास है। राजा रामा वर्मा के अंतिम शासनकाल से मार्ताण्ड वर्मा का राज्याभिषेक तक वेणाट का इतिहास आख्यान करना एक अतिशयोक्तिपूर्ण कथा रूप में ही इस उपन्यास प्रस्तुत किया है। कोल्लवर्ष ९०१-९०६ समय में हुआ इस कहानी का शीर्षक पात्र को सिंहासन वारिस का स्थान से हटाने के लिए पद्मनाभन् तम्पि और एट्टुवीट्टिल् पिल्लों ने लिटाया दुष्कर्म योजनाओं से संरक्षित करना अनन्तपद्मनाभन्, मान्कोयिक्कल् कुरुप्पु और सुभद्र लोगों से जुटे है यह कथा। मलयालम साहितय का पहला ऐतिहासिक उपनयास होकर यह साहित्यक रचना प्रस्तुत अनुभाग में ऐतिहासिक आख्यायिका नामक एक शाखा आरंभ किया। तिरुवितान्कूर इतिहास धरमराजा, राम राजा बहदूर नामक उपनयासों में जारी रहता है। इस तीन उपन्यासों को सीवीयुटे चरित्राख्यायिककल नाम से प्रस्तुत साहितय में कहा जाते हैं। यह उपन्यास मलयालम साहित्य में रोमांचक कहानी और इतिहास का एक उत्कृष्ट मिश्रित कृती माना जाता है।